Wednesday, September 9, 2015

Group Update - From 'Team MARS'

The cohort of 20 Pratiti fellows have commenced their on-ground work on gender issues close to their hearts. They are doing this in groups of 4, with a total of 5 groups being formed so far. The Pratiti blog will host the stories and experiences of each of these groups as they traverse through their powerful change-making journeys over the next 2 months while learning more about their own lives and communities in the process...


The vibrant Team MARS - Megha, Asha, Rakesh & Samrat (see what they did there?) - have been going about their work with great energy. Their intention is to understand gender stereotyping/bias and how it shapes the mind of different people of the community. They will attempt to do this through asking questions on the two pertinent themes of body and violence - How does one see their body? Is there any part of their body they love/hate or even change? Is there any aspect of their body which has made them insecure at any point of time? Post this, they intend to investigate more about the different kinds of violence faced by people in respect to gender and body, be it physical, verbal, emotional or psychological...


All smiles - (L-R) Samrat, Megha, Asha, Rakesh

Here's Asha from the group sharing a detailed update from their side:


"MARS टीम की तरफ से हम आपको अब तक हमारी टीम ने क्या क्या किया हैं वह बताना चाहते हैं... 
1॰ प्रोजेक्ट की रूप रेखा तैयार करने के लिए हमने PFP के ऑफिस मैं तीन साथियों ( आशा , राकेश और सम्राट ) के साथ दिनाक: 20 अगस्त 2015 , समय: 2 से 5 पीएम मीटिंग करी | जिसमे हमने हमारे प्रोजेक्ट का विषय(जेंडर- रूढ़िबद्ध धारणा और कैसे यह समुदाय के विभिन्न लोगों के दिमाग को आकार देती हैं) चुना हैं | आगे हम इस विषय पर कैसे काम करेगे वह तरीक़े ख़ोजे , किसकी क्या भूमिका होगी इस प्रोजेक्ट मैं वह तय किया | सम्राट की पहली ज़िम्मेदारी तय हुई की वह हमारे प्रोजेक्ट का प्रोपोसल लिखेगा और बाकी साथी उस प्रोपोसल को देख कर उंसमे कुछ बदलाव करना चाहे तो कर सके | टीम की एक सदस्य “मेघा” अभी हमारे साथ नहीं है इसलिए हम उनको सभी कार्यों को सूचना ईमेल के द्वारा देते हैं | प्रोपोसल सम्राट द्वारा PFP की टीम के पास पहुँच गया हैं |


2॰ हमारे प्रोजेक्ट में हमने दो बस्तियों(जलविहार और कठपुतली बस्ती) का चुनाव किया हैं | उसमे से एक बस्ती जलविहार किस तरीक़े की बस्ती है और वहाँ पर हमारे विषय को लेकर क्या चुनौतियाँ आ सकती हैं , यह जानने के लिए हमने उस बस्ती मैं गस्त लगाया | दिनाक: 22 अगस्त 2015 ,समय: 4 से 7 pm ,राकेश और आशा ने बस्ती देखी| हमारे साथी सम्राट की तबीयत खराब हो गयी थी इसलिए वह हमारे साथ बस्ती नहीं देख पाये | यह बस्ती आशा की जानकारी मैं हैं | उसने वहाँ पर शिक्षा के विषय पर काम किया है | आशा और राकेश ने जलविहार के तीन इलाक़ो (जलविहार टैंक , तमिल बस्ती और जलविहार) को देखा | आशा ने राकेश को बस्ती के एक घर की परिस्थिति भी दिखायी , कुछ लोगो के साथ हमने बस्ती की अभी क्या दशा हैं उसके बारे मैं पूछा | यह बस्तियाँ रेल्वे और एमसीडी के अंदर आती हैं | यहाँ पर सरकारी मकान और झुगियाँ एक साथ समाई हुयी हैं | बस्तियों में टॉइलेट और सीवर की काफ़ी समस्या हैं | लगभग 5000 झुगियाँ यहाँ पर हैं | जिसके लिए यहाँ 2 पब्लिक टॉइलेट हैं | जेंडर हिंसा से संबन्धित हर परेशानियाँ आप यहाँ पायेगे | पुरुषो का व्यवसाय यहाँ रिक्शा चालक, चौकीदार, घरो में पैंट करने वाले हैं, महिलाये दूसरों के घरो में सफ़ाई(domestic worker) का काम करती हैं | क्योकि हमारे प्रोजेक्ट में हम नाटक के द्वारा लोगो से जेंडर के मुद्दे से संबन्धित एक नाटक करने वाले हैं उसके लिए हमने यहाँ एक जगह तय करी | इस जगह पर हम लोगो के सामने अपना नाटक प्रस्तुत करेगे | हमारे तीसरे साथी सम्राट भी वह जगह देखना चाहते हैं पर समय के आभाव के कारण यह अभी तक संभव नहीं हो पाया हैं |


3 ॰ नाटक जो की हम मपेट के द्वारा दिखाने वाले हैं वह क्या होगा, उसमे क्या कहानी होगी, हम लोगो को दिखायेगे समझाने के लिए या उनके दिमाग में कुछ सवाल छोड़ जाने के लिए, इन्ही सभी सवालो से हमारी “मार्स” टीम थोड़ा परेशानी थी इसलिए हमने एक व्यक्ति से मदद ली | व्यक्ति का नाम भगवती परशाद हैं | यह नाटक लिखते हैं | तीनों साथियों ने निर्णये लिया की हम उनके पास जाके अपनी नाटक की स्क्रिप्ट लिखेगे | हम उनसे दिनाक : 24 अगस्त 2015 , समय : 6 से 8:30 पीएम मिले | उन्होने हमे सुझाव दिया की हमारी जिंदगी से जुड़ी वह कहानी लिखो जिसने हमे यह मुद्दा चुनने को प्रेरित किया हैं | फिर सभी एक दूसरे की कहानियाँ सुनो और उनमे से 2 कहानियों के साथ अपनी स्क्रिप्ट बनाओ , जब यह काम हो जाएगा तब फिर से आप लोगो मेरे पास आना मैं इसकी रूप रेखा को ठीक कर दुगा और लोगो से क्या सवाल आपको पूछने हैं वह भी मैं आपको बता दुगा | अभी हमारे सभी साथी स्क्रिप्ट लिखने में लगे हैं | हम मेल के दावरा एक दूसरे की कहानी एक दूसरे को सुनाते हैं | राकेश ने अपनी कहानियाँ टीम के साथ बाटी |
 
At Katputli Colony

4 ॰ टीम मार्स ने दिनाक: 2 सितंबर 2015 ,समय: 4 से 7 पीएम पर हमारी साथी मेघा के साथ मीटिंग रखवायी, ताकि हम सब उसे प्रोजेक्ट की अपडेट दे सके और वह हमे बता सके की उन्हे प्रोजेक्ट कैसा लगा | पहली बार हमारे टीम के सभी सदस्ये एक साथ थे, हम लोगो ने मेघा को पूरा प्रोजेक्ट समझाया और उनसे उनके इनपुट लिए | मेघा को मपेट के द्वारा नाटक वाले पॉइंट पर थोड़ी दिक्कत आई , कुछ ही देर मे पता लगा की राकेश और सम्राट भी इस पॉइंट से सहज महसूस नहीं कर रहे थे | इसी वजह से हमने मपेट द्वारा नाटक करने के पॉइंट को बदल दिया | सभी साथियों की चर्चा के बाद हमने तय किया पहेले हम फोटोग्राफी का प्रोजेक्ट का करेगे , उसके लिए हमने 8 सितंबर 2015 को कटपुटली बस्ती में पहेली शुरुवात करने का तय किया हैं |सभी साथियों ने अपनी भूमिकाये ले ली हैं |हमारा दूसरा पॉइंट हैं , हम लोगो अपने जीवन की एक कहानी जो जेंडर पर आधारित हैं अपने परिवारों के सदस्यो के सामने सुनायेगे और उनकी प्रतिक्रिया देखेगे और उनसे कुछ सवाल जवाब करेगे | सम्राट कल की मीटिंग के आधार पर प्रोपोसल में बदलाव कर रहा हैं | राकेश और आशा अपनी बस्ती में लोगो के साथ बातचीत शुरू करेगे ताकि वहाँ फोटोग्राफी करने में आसानी हो | मेघा की भूमिका फ़ोटो खिचना हैं | सम्राट और आशा कैसे लोगो को हमारे फोटोग्राफी प्रोजेक्ट समझाना हैं उसकी तैयारी कर रहे हैं |  ..."

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Follow the Pratiti blog for more beautiful updates from the different groups as they share their journeys of growth and transformation into gender leaders over the next 2 months...

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